SHIV CHALISA LYRICSL OPTIONS

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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

O Glorious Lord, consort of Parvati You happen to be most merciful . You always bless the inadequate and pious devotees. Your lovely form is adorned Together with the moon on your own forehead and on the ears are earrings of snakes' hood.

अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी Shiv chaisa ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप shiv chalisa in hindi प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

जरत सुरासुर भए विहाला shiv chalisa lyricsl ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

शिव आरती

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